एक गठरी
एक गठरी में बचपन समेट लाया हूँ बिसरे कुछ पलों को साथ लाया हूँ बच्चों के चेहरे की ख़ुशी ने बताया है मुझे मैं बचपन सुनहरा छोड़ आया हूँ सिमित दुनियां में फैला आकाश ढूँढ लाया हूँ ओखली में जुगनुओं को बांध आया हूँ चौक में फैली रौशनी ने बताया है मुझे मैं बचपन सुनहरा छोड़ आया हूँ खुले हिमालय की चमक देख आया हूँ खेतों में सरसों के फूल खिला आया हूँ मिट्टी की सोंधी खुशबू ने जताया है मुझको मैं बचपन सुनहरा छोड़ आया हूँ