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Showing posts from March 27, 2022

तुझ ही तक

 किनारे पर ही चला हूँ हरदम  तटस्थता जीवन सार नहीं है  आर पार का द्वन्द नहीं है  जीवन की ये राह तुझ ही तक   स्नेह  चुना जीवन दर्शन  घृणा जीवन रह न पायी  समर्पण के सब भाव लिए  जीवन की ये राह तुझ ही तक  पाना खोना हिसाब नहीं है  साथ है जो वो जीना है  मंजिल की एक डगर लिए  जीवन की ये राह तुझ ही तक 

मनन

 वो समय भी क्या जो तु न हो  तुझे मन बिठा के काम हों  तु प्रेरणा वजूद की  मनन ये शाम रात हो  कुछ लिख दिया कुछ कह दिया  शरारतों के पार भी  जो कहा नहीं जो लिखा नहीं  मनन ये शाम रात हो कभी हंस लिया कभी सिसकियाँ  अहसास साथ साथ है  उदास पल जो कटा नहीं  मनन ये शाम रात हो कुछ बढ़ गए कुछ चल दिए  सफर में संग संग से  रह जो कटी नहीं  मनन ये शाम रात हो वो जीवन भी क्या जो तु न हो  गुजर गए कुछ साल हों  तु निशानियां सकून की  मनन ये शाम रात हो