तुने संग आकर
बुझती हुई चिता सा राख भर था जीवन एक तुने साथ आकर जीना सीखा दिया है खाली पडा मकां सा विरान था ये संकल्प एक तुने साथ आकर सांसों हवाऐं दी हैं बँधता हुआ है पुल जो आशाऐं बँध रही ही एक जीतती सी कोपल अब साथ बढ रही है है ये सफर कठिन सा पर राह दिख रही है मंजिल की आस किसको एक साथ ढूँढती है उलझी हुई सी तान सा वे-ताल था ये जीवन एक तुने संग आकर सुरताल भर दिये हैं बेशब्द बे-मुर्रबत बे-आस था ये जीवन एक तुने संग आकर अमरत्व भर दिया है जीने की वजह तुम हो मरने का ढोंग तुम पर इस शाम की निशा का ढलती सी रात तुम हो