पोखर की ख़ुशबू सी सोंधी कोमल मिट्टी सा नाता छू लूँ तो मटमैली काया निहारूँ तो अपना साया कलकल बहती गुप्त धरा पर मन के अन्दर की घारा छतबत छतबत भीगा हूँ मैं कैसे सुखे अविरल धारा
म्येरु हिमालय देश म्येरु म्येरी पवित्र गंगा -२ चमकणु केदार म्येरो म्येरो गितागं बगां - २ कश्मीरे की क्यारी केसर फूलो की म्येरी घाटी निवतु राजस्थान म्येरु शीश चम्बल माटी -२ रणभेदी का रण बजेन माँ भारती माटी माया की बाँसुरी बजेन ब्रज भूमि की थाती माँ बाबा की जन इच्छा मा राजपाठ त्यागी बचन का यन धन्य रैन इच्छा मृत्यु त्यागी वीर भंडों कू देश रंगीलो त्यौहारों की खान छ दुनिया मा एक अजब च म्येरो भारत देश महान च