ये पहेली हल हो जाएगी
हर माहौल में याद रहेगा अहसास तुम्हारे होने का तुमको पा जाने का सुख और दर्द तुम्हारे खोने का शीत पहाड़ी सुबहों मे वो हाथ हाथ मे याद रहा ठंड मे उलझे होंठों मै तेरा नाम हमेशा याद रहा कहनी थी दो बाते तुझसे तो शंका ख़त्म हो जाएगी स्नेह रहा या आकर्षण सब दुविधा हल हो जाएगी ठूंठ खड़ी सी आशाओं मै एक बेल लपेटे बढ़ती हैं तुम और मै ही दूर दूर हैं बाकि दुनिया अपनी है सीना अपना छलनी होगा सांसे सब थम जाएँगी जीवित हूँ या नश्वर हूँ ये पहेली हल हो जाएगी