अनवरत रहेगा
मैं नही जानता राह किधर है मंजिल मुझको मिल पायेगी कदम बढाऊगा मैं साथी सफर मेरा अनवरत रहेगा मै नही जानता सीमाओं पर खुशियों की तामिर मिलेगी सपने सजाऊंगा मैं साथी संकल्प मेरा अनवरत रहेगा मैं नही जानता विश्वासों पर तुलना की टीकी दिवार मिलेगी नीव रखूँगा सदा मै साथी संघर्ष मेरा अनवरत रहेगा मै नही मानता जीवन मेरा तुझसे आगे बढ पायेगा फिर भी लूंगा सांस मै साथी स्नेह मेरा अनवरत रहेगा