रौशनी से नहाया
आशाओं की किरण
अब धुधलती सी
नज़र आती है मुझे
वो मेरे अंधेरों का
जगमग चेहरा आज
रौशनी से नहाया है
अब धुधलती सी
नज़र आती है मुझे
वो मेरे अंधेरों का
जगमग चेहरा आज
रौशनी से नहाया है
विश्वासों की डोर
अब सुदृढ़ सी
लग जाती है
वो मेरे मन के
भीतर दबा दीप
बाँहों को फैलता है
अहसास मानों का
एक तार जोड़कर
करीब सा लगता है
वो उसके लबों में
छुपा एक नाम
चेहरे पर पढ़ा जाता है
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