बाबा (पिताजी)
साधारण जीवन की असाधारण सोच थे बाबा (पिताजी) मेरे हिस्से का हिमालय ढह गया जो अब कभी नहीं चमकेंगे पर उनके जीवन से सीखी कुछ सीखें जीवन को कुछ मायने जरूर देंगी। वो केवल पिता नहीं वो संस्थान थे एक आदर्श सोच की। जिन्होंने सिखाया की जीवन कितना भी साधारण हो असाधारण कार्य किये जा सकते हैं। जिन्होंने सीखाया सदैव पैसे होने, न होने से आप आम जन मानस की सेवा और सहयोग कर या नहीं कर सकते बस इसके लिए सबको अपना सा समझना होगा, जिन्होंने सीखाया त्याग ही जीवन का असली मतलब है, जिन्होंने सीखाया शांति ही सबसे बढ़ा संतोष है और जिन्होंने सीखाया की ज्ञान ही सबसे बढ़ा धन है । सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, लेखन और पारिवारिक जीवन में सामजस्य बिठाने की कला के नायब उदाहरण थे पिताजी। वो जीवन के अनेक क्षेत्रो में नए मानक स्थापित करते गए पर परिवार हमेशा से उनकी प्राथमिकता रही। हम सब को अपने त्याग और परिश्रम से जितना उनके बस था उससे ज्यादा दिया । ये दुःख हमेशा रहेगा कि एक पुत्र के रूप में, मैं उनके लिए कभी भी कुछ भी नहीं कर पाया । ये प...