मेरे हिस्से का दर्द
जानता हूँ रेखाएं अधूरी बहुत
भाग्य का है लिखा कुछ बहुत ही सही
मेरे हिस्से का दर्द सहना मुझे
मेरे हिस्से के आँसू पीना मुझे
वो अधूरे रहे प्राण जाते बहुत
सांसो से थमा तो गया ही नहीं
मेरे हिस्से का खोना था जीते मुझे
मेरे हिस्से आघातों को पीना मुझे
शंका जो थी वो हक़ीक़त बनी
मिलते बिछड़ते साथ था मैं कहाँ
मेरे हिस्से बही याद सैलाब सी
मेरे हिस्से का बहना रोना मुझे
याद सांसो में बहती रहेगी सदा
मान अभिमान जीवन बढ़ा जायेगा
मेरे हिस्से का जाना था मैंने यहीं
मेरे हिस्से का सबकुछ गवाना मुझे
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