राम
मेरे मन जो राम बसे हैं वो सीता माँ के साथ बसे हैं होगी बाल छवि अति मधुरम मेरे मन पिनाक उठाये बसे हैं मेरे मन जो राम बसे हैं वो लखन हनुमन्त साथ बसे हैं चलते होंगें ठुमक रामचन्द्र मेरे मन दृढ संकल्प बसे हैं मेरे मन जो राम बसे हैं वो जंगल जंगल घूम रहे हैं होते होंगें चन्द्रमुकुट सब मेरे मन बनकल पहने हैं मेरे मन जो राम बसे हैं वो समुन्द्र पर सेतु तर रहे हैं होतें होंगे दीप वो जगमग मेरे मन अंहकार मारे हैं मेरे मन जो राम बसे हैं वो सीता माँ के साथ बसे हैं