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समा जाओ

तु भक्ति दे तु शक्ति दे तु शान्ति का संगीत दे  तु साथ दे स्नेह दे  करुणामयी एक गीत दे तु रात का जुगनू बने तपती दुपहरी छाँव दे सुनसान राहों साथ दे तु मौन का स्नेह दे  तु हाथ अंगुली पकड दे तु छोड सारा शहर दे  मुझमें समा मेरा रहे तु स्वरों को शब्द दे तु अक्षर मेरी प्रीत का तु सांस आखिरी मीत का अभिचेतन मन की आरजू तु स्वरूप देता जीवन दे तु रात का गहरा नशा दिन का समर्पित साथ दे खोया रहे मुझमे सदा तु अब साथ में समा मेरे 

गंगा प्रेम की

मैं पतित प्रेम की गंगा को मन में बहाता जाऊँगा हिमशिखरों के आगे जाकर दुनियां नई बसाऊँगा टकराती आवाज गूँजती घाटी बाँध के आवूँगा आलिंगन से आगे बढकर जीवन नाम तेरे कर जाऊँगा मैं सडकों के मोडों पर  तेरे नाम की पौध लगाऊँगा मीलों के पत्थर पर लिखकर मंजिल तुझे बनाऊँगा खुशियों तेरा नाम बाँटकर हर मंदिर प्रसाद चढाऊँगा परिक्रमा के मार्गों पर  तेरी धूली अंग लगाऊँगा

असीमित

मैनें लिखा है जितना तुझे  चाहा है असीमित उससे भावनाओं का ठहराव तो नही रहा पर बह आया हूँ दूर उसमें मैनें देखा है जितना तुझे  सोचा है असीमित उससे अपराधों को आत्मसात तो नही किया पर अहसासों को सजाया है उसमें मैनें छूआ है जितना तुझे  महसूस किया है असीमित उससे विचारों को बहने तो नही दिया  पर उम्मीदों को जगाया है उसमें  मैने पाया है जितना तुझे  माँगा है हर दर असीमित उससे मिलना न मिलना नसीबों का खेल है पर कमी नही की हैं कोशिशे॔ उसमें 

थोड़ा हंसना है

बिखरना ही सही पर सिमटना है मुझे  छोटी ही सही दुनियां बसानी है मुझे  न मिले छंद जीवन के गीतों के  अधूरी ही सही पर रचना है मुझे  खोना ही सही पर थोड़ा पाना है मुझे  भरी दुपहरी छाँव तले बैठना है मुझे  न हो रोशन जग उम्मीदों का  डूबता ही सही पर सूरज देखना है मुझे  रोना ही सही पर थोड़ा हंसना है मुझे  जितना भी है पास बाँटना है मुझे  न हो मुक्कमल सपने उम्मीदों के  टूटता ही सही पर देखना है मुझे 

रचना है मुझे

 कोशिश सब कुछ पाने की नहीं है मेरी  मैं जनता हूँ यूँ किस्मत भी नहीं है मेरी  प्रयासों के पेड़ पर एक पत्थर उछालना है मुझे  खाली ही सही बस खुशियां समेटनी हैं मुझे  कोशिश जीत जाने की नहीं है मेरी  मैं जानता हूँ यूँ मंजिलें साथ भी नहीं मेरी  स्नेह की राहों में दौड़ना है मुझे  थोड़ा ही सही पर बढ़ते रहना है मुझे  कोशिश कुछ स्थापित करने की नहीं मेरी  मैं जानता हूँ यूँ कारीगरी भी मेरी  सोची है जो मूरत उकेरनी है मुझे  बिखरना ही सही पर रचना है मुझे 

मेरा होने को है

 शाम की कुछ बात होगी  छुट्टी की एक सुबह भी  नाराज़ हो जाता है जल्दी  क्यों बात पूरी की नहीं  शायद पास आया है बहुत  अब  इंतजार करता वो मेरा  सादगी सजती रही है  भेज कुछ तस्वीर भी  मनाता सबकुछ रहा है  यूँ जताया ही नहीं  शायद हो गया मेरी तरह  अब इंतजार करता वो मेरा  बोलते है भाव सबकुछ  प्रसिद्धि चाहता वो मेरी  साथ देता संकट सदा  यूँ बोलता कुछ भी नहीं  शायद मेरा होने को है  अब लड़ने लगा जज्बात पर 

तु मेरा अभिमान है

 तु प्रेम है प्रमाण है  तु प्राण की अभिचेतना  तु प्रीत की काव्यांजलि  तु साथ चलती साधना  तु स्नेह की परिकल्पना  तु कर्त्तव्य का अभिप्राय है  तु मनों का मनन है  तु साँस का समर्पण भी है  तु साथ चलती शक्ति है  तु मौन का संवाद है  इन अंधेरों का दीप है  राह चलता हमसफ़र  शाम की नादानियाँ  दिनभर की बेचैनियां  तु रात जगती आस है  तु सुबह की खुमारियाँ  सांसों का तूफान तु  हर दौड़ का ठहराव तु  तु मेरा अभिमान है  तु साथ का विश्वास है 

सांसो के उत्ताप

धडकती है सांसे जोर से वो बाहों में जकड जब लेता है कोमल बदन की छूबन  अहसासों को मदहोश कर जाती है रोंगटे उठते हैं सांसो के  वो हल्के से माथा जब चूम लेता है हाथों में हाथ हो विश्वाश का राहें जीत तय कर जाती है खुशबू बिखर जाती है  वो जब दूरियां तन की खत्म कर जाता है  हजारों चुम्बन होते हैं विश्वासों के रिश्ते खुद व खुद बन जाते हैं कठिन है डगर मुश्किल बडी  पर रिश्तों की इबारत खडी कर जाता है देकर हजारो हक मन से मुझे वो सर्वस्व न्यौछावर कर जाता है 

तेरी खुशबू

मेरी जिद में हारता नही है वो समर्पण कर जाता है  बाहों भर लेता है मुझे  और मुझे जीता सा जाता है चूम लेता है माथा मेरा वो दिवाना कर जाता है सांसे दे जाता है मुझे  और मुझे मेरी दुनिया दे जाता है छोटी सी दुनिया बसायी है हमने वो स्नेह मजबूत कर जाता है रखता है सबसे आगे मुझे और मुझे सर्वस्व बना जाता है  यूँ तो लघू होते हैं सांसो के उत्ताप  वो समयों साथ दे जाता है देकर अपना समय मुझे  वो मुझपर लुट सा जाता है

तेरी निशानीयां

सूने मन में भी महफिल सज जाती है एक तेरे अहसास के बाद  कि ओढ लूंगा इश्क तेरा तेरी दी हुई हर यादों के साथ खुद में खोया हूँ भीड़ आ जाती है एक तेरे अहसास के बाद कि जी लूँगा इश्क तेरा तेरी समर्पण की यादों के साथ अंधेरे मन के कोने जगमग हो जाते हैं एक तेरे अहसास के बाद कि पा लूँगा इश्क तेरा तेरी बातों को मान जाने के बाद धडकती सांसों को ठहराव मिलता है एक तेरे अहसास के बाद कि रंग लूँगा इश्क तेरा तुझे बाहों में भर जाने के बाद