थोड़ा हंसना है
बिखरना ही सही पर सिमटना है मुझे
छोटी ही सही दुनियां बसानी है मुझे
न मिले छंद जीवन के गीतों के
अधूरी ही सही पर रचना है मुझे
छोटी ही सही दुनियां बसानी है मुझे
न मिले छंद जीवन के गीतों के
अधूरी ही सही पर रचना है मुझे
खोना ही सही पर थोड़ा पाना है मुझे
भरी दुपहरी छाँव तले बैठना है मुझे
न हो रोशन जग उम्मीदों का
डूबता ही सही पर सूरज देखना है मुझे
रोना ही सही पर थोड़ा हंसना है मुझे
जितना भी है पास बाँटना है मुझे
न हो मुक्कमल सपने उम्मीदों के
टूटता ही सही पर देखना है मुझे
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