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मिलना था

एक लम्बी प्रतिक्षा थी तु सफर की कमशमकश थी तु मिले हैं अब कि सोच होगी विधाता की इस साथ की जरूरत थी तु ।। यूँ तो अकेले भी सफर तय हुऐ थे कई पर एक सफर साथ की किस्मत थी तु खोना पाना सब तय था मीलों पहले मिलन के लहरों का समुन्दर थी तु एक ठहरी सी जलधारा थी तु हिमालय की आराधना थी तु आना था जमीं पर तुझे मेरे लिए मेरे अहसासों की मूरत है तु। 

पाना या मिटना है

 लहर लहर लहराता जीवन नाँव थफेंडे खाती है   मेरा तो सागर है खेवैया  पार लगाकर जाता है  उम्मीदों की किरण दिखी है  जगमग सूरज उगता है  मेरी इन अधियारी रातों  टीम टीम तारा खिलता है  परवान लगे कुछ पंख उगे हैं हवा संग ले जाती है  मेरे दिन तूफान समेटे  जोर लगाकर अकड़े हैं  रज रज धूलि मिल जावूंगा  कण कण बिछ सा जावूंगा  मेरा एक सपन  जीवन हैं  पाना है या मिटना है

सफर तुझ तक

 तन्हा हूँ सफर साथी  विचार-ओ-मन जले से हैं  धधकती एक अग्नि है  मुझे बरसात दे साकी भीगा जिस भी राहों हूँ  सफर तुझ तक ही जाता है  मुश्किल से पहाड़ो पर  रस्ते बन ही जायेंगे  तुझसे हमसफ़र कोई  राहों साथ होना है  आशाओं का दामन तु सफर तुझ तक ही जाता है  तु ही वो नीर पावन है  तु ही अग्नि हवन मुझको  तु मन की एक मुक्ति  है  तु ही अभिमान है साथी  तृप्ति है समर जीवन तु  सफर तुझ तक ही जाता है 

तू ही हमसफ़र मेरा

वो किनारा है मेरी चाहत  समुन्दर लांघना मुश्किल  मैं गोताखोर नहीं साथी  तेरा ही साथ मुक़्क़मल है  वो एक ही बात का झगड़ा  कोई समझे वही मुश्किल  मैं कतारों में पीछे  साथी  तेरा ही हाथ फ़तह मेरी  वो पड़ोसियों की तीमारदारी  मेरा ये वक़्त है मुश्किल  मैं सबसे बाद का  साथी  तेरा अहसास सतह मेरी  वो  पाना खोना तुझतक है  ये जीवन जंग भी मुश्किल  मैं तनहा हूँ सफर साथी  तू ही है हमसफ़र मेरा 

तीन तस्वीर

 तस्वीरें जब बोलती हैं  मन पार समुन्दर कर देती हैं  गीतों छंदों की नदिया में  मन बरबस गोते खाता है  तस्वीरें जब बोलती हैं  कह देती हैं अभी नहायी   जगी हुई अगड़ाई है  खुले हुए बालों के बेलें  मन को यूँ उलझती हैं तस्वीरें जब बोलती हैं  सूरज अपनी चमक फैलाये  चाँद वो रोशन लगती हैं  लाल रंगों से सजे पुष्पदल  चेहरा पास बुलाते हैं  तस्वीरें जब बोलती हैं  नजर बुलाती पास तुम्हारे  चेहरा लाख सवालों करता है सबकुछ अपना मुझकर देकर  मुझमे ही बस जाती हैं  तस्वीरें जब बोलती हैं 

तर्क

लडकर फिर बार बार लडना मनाना और फिर लड जाना समर्पित होते हैं कुछ रिश्ते  अहसासों का अपना संसार होता है जहाँ तर्क हो वहाँ स्नेह कहाँ होता है मनाकर फिर बार बार रूठ जाना रूठना और फिर मान जाना  सांसें देते हैं कुछ रिश्ते  अपनो में कोई सबसे अपना होता है जहाँ तर्क हो वहाँ स्नेह कहाँ होता है बातकर फिर बात बात न करना  चुप रहना पर हर बात सुनते जाना जरूरी होते हैं कुछ रिश्ते अपना  सब है पर कोई खास होता है जहाँ तर्क हो वहाँ स्नेह कहाँ होता है कहकर कि आना मत  इन्तजार करना खुद के काम समेटकर उसको सोचना जरूरी होते हैं असमय साथ जब भीड में भी एक अकेलापन होता है जहाँ तर्क हो वहाँ स्नेह कहाँ होता है

सदा तकता रहा

 घोर काली रात बदरा आसमां रोता लगा  सोचता तुझको रहा  और मन यहाँ विचलित रहा  दर्द की रातें कराही या अगन हो देह की  मांगता तुझको रहा  और मन इरादा कर गया  एक तु जो तान छोड़े  या तेरी मजबूरियां  ये बजूं तुझ तक रहा  और मन सहमता ही गया  बेमेल से जो हम मिले हैं  अब दूरियां सहती कहाँ  हक़ दिया है यूँ तुझे ही  और मन सदा तकता रहा 

दिन तेरे बिन

 जो दिन तेरे बिन गया  ठहरा सा जहाँ लगा  रातों की ख़ामोशी सपनों का जहाँ ढला  आजमाऊँ किसको मन मेरे  द्वंदों की आजमाइश में  रूकती  सांसें ढूँढती थमता सा समय लगा  साथ नहीं माँगा कोई  विकल्पों की तलाश नहीं  मन घोर अँधेरा फैला था  ख़ाली सा जहाँ लगा  तेरा जाने तु हमदम  गुजरा अब मेरा नहीं  ख़ामोशी तेरी तु जाने  मुझको मेरा डर रहा 

शून्यता है जिंदगी

 एक हिसाब है जिंदगी  जिसे न तु कर पायी  न मैं कर पाया  एक बहम है मन का  न तु समझा पायी  न मैं समझ पाया  खाली से दरीबों में  भटका है मन अक्सर  न तु सजा पाया  न मैं सजा पाया  एक पहाड़ है जिंदगी  न तु चढ़ पाया  न मैं चढ़ पाया  एक किताब है मन की  न तु पढ़ पाया  न मैं पढ़ पाया  सूखी सी नदी में  बहा है अक्सर  न तु किनारे आ पाया  न मैं पार कर पाया  एक शून्यता है जिंदगी  न तु भर पाया  न मैं भर पाया  एक आस है मन की  न तु समझ पाया  न मैं समझा पाया 

समां गयी

 कोमल कमलदल सकुचाई सी  पीर हमारी मिली मुझे  समां गयी उर अधरों से  सार समर्पण सीखा गए  उंगुली हाथ हथेली छुई  पथि वो आटा मेरे लिए  फूल मुलायम पंखुड़ियों सी  हाथ वो रेखा बना गए  कागज़ की कोई नाव तैरती  डूब पहाड़ समुन्दर हम  ज्वार थमा निशान से छूटे  रचते रहे हैं मेहँदी हम  समय सदा से काम ही रहा है  चितचोर रहा मन मीत मेरा  दो पल की सब खुशियां बाँटी और गीत लिखना सीखा गए