खुला आसमान

किताबों मे खोये मन को

वो कोई गीत बता गया।

पढ़ते पढ़ाते ना जाने 

कौन सा एहसास दे गया।

पहाड़ों के पीछे की दुनियाँ

देखी न थी कभी।

वो कि समुन्दर का

खुला आसमान दिखा गया.....

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