सौदा था
तु ही तो जिसने मन घेरा था
अपनो के बीच विचारों मे तेरा डेरा था
वो जो अपनापन था हमारे बीच
वो न तु रख पाया न मैं रख पाया।
तु ही था जिसपर अनकहा विश्वास था
अपनो से दूर अपनो सा कोई रिश्ता था
सम्मानों के उन रोशनदानो पर जो जाले है
कुछ तुमने बुने है कुछ मैंने बुने है
तु ही था यहाँ जो नज़रों मे दोस्त था
जिसके लिये हर बन्धन पर खुला द्वार था
उन रिश्तों को कौन कब अपबित्र कर गया
ये तेरे लिये भी धोखा था मेरे लिये भी सौदा था
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