आवाज़

उन उंचें पहाडों ने सिखाया है मुझे
कि मन की आवाज़ लौटकर आयेगी
टकरायेगें बदहवास अभिमानों के दंश 
पर स्नेह की फ़सल फिर लहरायेगी...

तेरे बदलने की सारी कोशिशें 
नाकाम न हो ये दुआ है मेरी
पर फिर उन्हीं पहाड़ों ने सिखाया है
हर बदले मौसम के बाद एक सुहानी शाम आयेगी....

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