सब बदल गया
तु तो बदल ही गया है
मै भी उसी राह पर हूँ
ये इस रिश्ते की मृत्युशैय्या है
तेरा तेरे दोस्तों का अभिमान रहा
मैं स्वाभिमान के लिए लड़ा
भीड़ मे तु भी होगा मै भी हूँगा
तेरे अपनेपन और मेरे स्नेह की कमी होगी
मुलमुल तेरी हँसी शायद फिर भी हो लोगों के लिये
मेरे लिए तेरी कमी पहले भी थी कल भी होगी
हाँ तेरे लिए इसका अस्तित्व न था न है
मेरे लिए अपनो मे तेरी कभी हमेशा होगी....
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चल फिर अजनबी हो जाय
तु अपने दोस्त मे ख़ुश रह
मै करम को फिर पूजता जाऊँ
कोई भेजेगा फिर मित्रता की वो शौकात
काश कि ये हो अबके तुझे याद रहे और मै भुल जाऊँ
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