कहानी
मिट्टी से लगाव था वतन छूट गया
पहाड़ों से प्यार था पहाड छूट गया
मां की लोरी से जो बच्चा सोता था कभी
दुनिया के थेपेडों ने यूँ धोया
कि वक़्त बदला तो एहसास रोया
ये कहानी अनवरत चली
तेरे आने से फिर शुरु हुई
और तेरे जाने तक फिर ताकती रही .....
Comments
Post a Comment