तेरे चले जाने से
ये दिन जो तुझसे शुरु हुआ
ख़ुशियों से भरा ही रहा
ये तेरी मुस्कुराहट का असर है दोस्त
तु सोचता है तेरे रुठने से क्या होता है
ये अनकहा अपनापन जो है
मन के बहुत क़रीब ही रहा
अपनो मे ही रहा है हमेशा तु दोस्त
तु सोचता है कि तेरे नही होने से क्या होगा
ये ख़ामोशी मे भी जो बात तु करता है
शोर मे हूँ हरदम पर तुझे सोचता हूँ
विस्मृतियों मे भी तु ज़हन मे रहता हे हरदम
और तु सोचता कि तेरे चले जाने से क्या होगा
Comments
Post a Comment