यूँ शामिल है
भीड़ मै अक्सर मै तुझको ढूंढ़ता हूँ बस
जो किसी भीड़ मै तू शामिल हो
तो मुझको कोई और नहीं दिखता
यूँ शामिल है तू इस जीवन मै
न चाहूं तो मगर फिर भी
तेरा जिक्र अपनों मै हो ही जाता है
खोये है कई शामें युहीं रूठने मनाने मै
मै जब भी सोचता हूँ तुझको
फिर कुछ और कर नहीं पता
Comments
Post a Comment