कुछ साबित नही करना
गूँगा तुझसे ज़्यादा बात कर गया
अनपढ़ तुझसे ज़्यादा लिख गया
जानता हूँ छुपानी थी हर बात तुझे
आख़िर तेरे तरह मुझे कुछ साबित नही करना
दुश्मनों से ज़्यादा तु रुसवा कर गया
परायों से ज़्यादा तो तु नकारता गया
जानता हूँ झुकना नही था हर बात पर तुझे
आख़िर तेरी तरह मुझे जीतना नही है तुझसे
अजनबीयों से ज़्यादा तो तु दूर रहा
पड़ोसियों से ज़्यादा तो तु बात छुपा गया
जानता हूँ मेरे अस्तित्व की परवाह नही है तुझे
आख़िर तेरी तरह सबसे झूठा सम्मान नही है मुझे
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