माँ
माँ है रस की छन्द पहेली
माँ दादी की पुडिया सी
माँ आँगन की तुलसी है
माँ फूलों की क्यारी सी
माँ है मन का निश्छल प्रेम
माँ उपवन के माली सी
माँ बरसों की बिरासत है
मां ख्याबों की मंज़िल सी
माँ है सब तीर्थों का रस
माँ बचपन की कहानी सी
माँ है अपना पुस्तक ज्ञान
माँ व्यास की गीता सी
माँ तु है जन्मों का बन्धन
माँ ख़ुशियों की कुंजी सी
माँ बिन सूना है सब कुछ
माँ ही अपनी दुनियाँ सी
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