क्या बीती है
सीमित शब्दों तक ही रहा हमेशा
कोई सब सीमायें पार गया
वो आवाज़ें सुनाई नही दी
केवल मन के पार गयीं
इशारों मे इतना असर कहाँ था
कोई सब दूरियाँ तार गया
वो अपनापन दिखा नही है
बस केवल नज़रें जता गयीं
दूरियों मे इतनी ताक़त कहॉं
अन्तर्मन का स्नेह मन से दूर रहै
कह न पायी हो ज़ुबान तो क्या
जानता तु सब है हमपर क्या बीती हैं
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