अधूरी कहानी
खेतों की पंगतो पर
कोई खाली सी क्यारी
अस्तित्व ढूंढ़ती रही
स्नेह की ये अधूरी कहानी
पहाड़ो की चोटी पर
देवताओ के 'थौल' सी
स्थान ढूंढ़ती रही
सम्मान की ये अधूरी कहानी
बुग्याली झुरमुटों के 'भूडों' पर
कोमल एक बेल सी
मन को ताकती रही
अपनेपन की ये अधूरी कहानी
घूमती-घुमाती पहाड़ों पर
लम्बी सड़को सी
कभी न ख़त्म होगी
दूरियों की ये अधूरी कहानी ....
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