जाने क्यूँ
जाने क्यों लोग तेरी बातें बता जाते हैं
हर महफ़िल मे तेरा ज़िक्र कर जाते हैं
लाखों शंकायें मेरे मन में डालकर
तेरे साथ अपनेपन का खेल खेल जाते हैं ।
जाने क्यों तेरी हर बात अपनी सी लगती है
जानें क्यों हर संवेदना तुझसे जोड़ जाती है
लाखों नाराजगीयां हो तुझसे भले
तेरे साथ की हर छोटी बात फसाना बन जाती है।।
जानें क्यों मिलते हैं हादसे जीवन के तुझसे
हर रिश्ते मे तेरे हमशक्ल मिल जाते हैं
लाखों घटनाक्रम मेरे भूत से जुड़कर
मेरे साथ यूँ लुका छुपी खेल जाते है ।।।
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