फिर भी आवूगां
एक सफ़र है यादों का
तु कहता है भूल जाउूंगा
अपने मन से पूछ मेरा भरोसा नही
तु भूल जायेगा मै फिर भी याद आवूगां
एक याद है इस सफ़र की
तु सोचता है भूल जाउूगां
ग़ैर को मत टटोल खुद से पूछ
तु दौड़ जायेगा मै फिर भी रूक जाउूगां
कौन जीया है तुझे पाने को
तु सोचता है सम्मान कम हो जायेगा
मन की आवाज़ से एक धाद देना
तु भूल जायेगा मै फिर भी दौड़ आवूगां
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