बीज
वो जो शामिल है हर पल हर जगह
भीड़ भरे रास्ते या कि मन खामोश हो
वो जो घेरे है ‘दो- जून’ वाले जज़्बात
संघर्षों की बिसात या कि मन सम्मान हो
वो जो व्याप्त है दुनिया मे मेरी हर जगह
अन्तरमन वाली सोच या कि मन की हर बात मे
वो जो सिखाता है जीना या कि बढ़ जाना
कोशिशों की दुनियाँ, मन को जीत जाता है
वो जो प्रकाशपुंज है अंधेरी शामों का
लगन की प्रवृति, मन को सीखा जाता है
वो जो हृदय का जुड़ाव है अपनो मे शामिल
स्नेह की ज़मीन में, मन चाहे बीज बो जाता है.
Comments
Post a Comment