यहाँ वहाँ
यूँ तो सब कुछ ठहरा सा है
कुछ है जो बह सा चला है
स्मृतियों के कगार पर
दस्तक देती वो यादें
यहाँ भी है वहाँ भी है
यूँ तो जीवन जीते ही हैं
कुछ है जो कमी सा लगता है
मन की खूँटी पर
रुकी कुछ सांसे
यहाँ भी हैं वहाँ भी हैं
यूँ तो मुखौटे चारों और हैं
पर अपनो से कम ही लगते हैं
स्नेह की क्यारियों पर
सूखे हुए कुछ फूल
यहाँ भी है वहाँ भी है
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