वक्त आएगा
वक्त आएगा कि मैं-तू
नहीं भी रहें भी तो क्या
ये कवितायें मनों के
खामोश द्वार ठकठकायेंगी
वक्त आएगा कि हममे कोई बात
करने को बाकि नहीं रह जाएगी
उदासियों मै कोई सिसकी
पलकों को नमी दे जाएँगी
वक्त आएगा कि दूरियों में
कई बाते छुपाई जाएँगी
बिन बोले कही हर बात छाती पर
बिजली सी कोंध जाएगी
वक्त आएगा कि सब भूल कर
नयी दुनिया सी बस जाएगी
दस्तक देती स्नेह की कोई नज़र
इन यादों को छलनी कर जाएगी
नहीं भी रहें भी तो क्या
ये कवितायें मनों के
खामोश द्वार ठकठकायेंगी
वक्त आएगा कि हममे कोई बात
करने को बाकि नहीं रह जाएगी
उदासियों मै कोई सिसकी
पलकों को नमी दे जाएँगी
वक्त आएगा कि दूरियों में
कई बाते छुपाई जाएँगी
बिन बोले कही हर बात छाती पर
बिजली सी कोंध जाएगी
वक्त आएगा कि सब भूल कर
नयी दुनिया सी बस जाएगी
दस्तक देती स्नेह की कोई नज़र
इन यादों को छलनी कर जाएगी
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