मोहताज नही

कर्म ही फ़र्ज़ है मेरा, 
मै झंझावतो से 
परेशां नही होता ,
फ़क़ीर ही तो हूँ 
जो वाहवाही का 
मोहताज नही होता ।।
रहने दो साहब !!
 मै सच के साथ ही चलूँगा ,
हिमालय से बहता हूँ 
रास्तों का मोहताज नही होता ....

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