तेरे मेरे बीच
ये तेरे मेरे बीच की सरहद
‘ट्रेन टु पाकिस्तान’ है
खूंन हुआ है भावनाओं का तो क्या
सम्मान मनों मे ज़िन्दा है
तेरे मेरे बीच की बातें
ख़ामोशी का जहान है
बोल न पायी संवेदनाऐं तो क्या
एहसास मनों मे ज़िन्दा है
तेरे मेरे बीच की दूरी
ज्यूँ धरती आकाश है
मिलें न हो गले तो क्या
टीस मनों मे ज़िन्दा है
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