रिश्ते
कुछ जुड़ से जाते हैं
कुछ छूट भी जाते हैं
रिश्ते मनो के हों
तो अक्सर कसक दे जाते हैं
कुछ जोड़ जाते हैं
कुछ तोड़ जाते हैं
रिश्ते सम्मान के हों
तो एक कुनवा बना जाते हैं
कुछ पास रहते हैं
कुछ दूर हो जाते हैं
रिश्ते जब त्याग के हों
तो एक छाप छोड़ जाते हैं
कुछ दूसरों से जोड़ जाते हैं
कुछ अपनों मे गुम हो जाते हैं
रिश्ते जब सच्चाई के हों
तों रह-रहकर याद आतें है
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