स्वभाव नही
पहले और आख़िरी के द्वन्द में नही
बाद में, फिर कभी स्वभाव नही
पहाड़ों से लगाव छूटता नही
सहजता स्वाभाविकता रही
तोल मोल कर हर बात कहना
मेरा स्वभाव नही ।
रिश्तों और भावनाओं में ठहराव रहा
उनके सन्देशों का इन्तज़ार भी न रहा
अपनी सीमायें टूटती नही
लाँघने की कभी ज़रूरत नही
फूँक फूँक कर हर कदम उठाना
मेरा स्वभाव नही।
हार जीत के बन्धन से मुक्त रहा
हवाओं के उन्माद में तो रहा
पर बयारों के बहाव मे बहा नही
चोटियां पार की है बहुत
पर हर चोटी पर झण्डा फहराना
मेरा स्वभाव नही
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