तेरी मेरी
मैं कविता गीतों से तेरी
याद साथ में लाया हूँ
छन्दों को समरुप बिठाकर
फ़सल विश्वास की रोपा हूँ
मैं खट्टी मिट्ठी मेरी तेरी
यादों की माला लाया हूँ
ख़्वाबों के झूले पर झुलाता
उम्मीद साथ चलने की लाया हूँ
मैं तेरी मेरी आधी अधूरी
दोस्ती की दांस्तान सूनाने आया हूँ
कुछ भुली कुछ बिसरी यादें
सब याद दिलाने आया हूँ
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