कहीं तेरे लिए
साथ के नाम पर तुम कहीं भी न थे
वक़्त जब भी मिला हम पे हँसते रहे
जिस डगर पर तुम साथ दे ना सके
उस डगर पर चले सिर्फ़ तेरे लिये
बात के नाम पर तुम तो चुप ही रहे
हमसे जब भी मिलें दूर जाते रहे
उस जलसे में तुम साथ दे सके
जिस जलसे में रहे सिर्फ़ तेरे लिये
दोस्त के नाम पर तुम तो रुठे रहे
वक़्त जब भी मिला ग़ैर के हो लिये
जिनको तुम तो कभी छोड़ ही ना सके
उनको छोड़ा भी है सिर्फ़ तेरे लिये
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