हम तुम
कभी तुझे मनाता रहा
कभी तुझसे ग़ुस्सा रहा
अकेले ही चला उस राह
कभी स्नेह रहा कभी भूला दिया
कभी तुझे जताने की मन्नतें
कभी दूर जाने की कोशिशें
अकेला ही हँसता रहा
कभी एकाकी रहा कभी खामोश रहा
कभी तुझे अपनो के बीच
कभी तु पराया में गिना गया
अकेले ही रिश्ता बनाता गया
कभी जोड़ता रहा कभी तोड़ता रहा
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