यादों के गीत
कभी कहीं पर सूखी मिट्टी
कुछ अलसाई बेल मिलेंगीं
थकी हुई चिड़ियों के स्वर में
कुछ यादों के गीत मिलेंगें
चलती राहों में जब कोई
हाफती दोपहर मिलेगी
सूखते झरने के स्वर में
कुछ यादों के गीत मिलेगें
खाली चिन्तन में जब कोई
चिन्ता मन को घेर रहेगी
घर के सूने एक कोने में
कुछ यादों के गीत मिलेंगें
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