स्नेह की पहचान
कोई ख्वाब जब अधूरा लगे
कोई राह जब कठिन दिखे
मंजिलों के शिखर से परे
मेरी खुशियों का अम्बार है
कोई रास्ता जब लम्बा लगे
कोई वन जब निर्जन लगे
शून्यता के शून्य से परे
मेरी कोशिशों की उड़ान है
कोई शब्द जब सुनाई न दे
कोई मंजिल अदृश्य लगे
पाने खोने से दूर कहीं
मेरे स्नेह की पहचान है
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