अधूरे छोड़ता हूँ
कुछ संवाद अधूरे छोड़ता हूँ
कुछ रिश्ते अधूरे ही रखता हूँ
यूँ तो मुश्किल नहीं मंजिलें पाना
कुछ रास्तों पर बस चलना चाहता हूँ
कुछ किताबें अधूरी छोड़ता हूँ
कुछ ख़्याब अधूरे पालता हूँ
यूँ तो मुश्किल नहीं सबकुछ कहना
कुछ बातें अनकही छोड़ना चाहता हूँ
कुछ लिखा मिटाना चाहता हूँ
कुछ चित्र बेरंग छोड़ना चाहता हूँ
यूँ तो मुश्किल नहीं सबको पूजना
पर कुछ मूर्तियां मन में रखना चाहता हूँ
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