कोई होगा
कभी रेत पर कुछ उकेरा जो होगा
कभी लिख के कुछ तो मिटाया जो होगा
गुनगुनाये कभी गीत होंगे जो तुमने
कोई आहटों में आया तो होगा
कभी फ़ोन पर कुछ टटोला तो होगा
कभी चित्र कोई मिटाया जो होगा
बड़बड़ाये कभी शब्द होंगे जो तुमने
कोई अजनबी याद आया तो होगा
कभी राह में कुछ तो भूला जो होगा
कभी ढलती शामों को देखा तो होगा
फूलों को जब भी निहारा जो होगा
कोई मुस्कुराहट में आया तो होगा
Comments
Post a Comment