एक सांस है
मन की इच्छाओं में जो लगे पर ये हैं
पार सीमाओं को लाँघ देते हैं वो
हर मान से भी तु बढ़कर के है
तुझसे रिश्ता भी तेरा ही सम्मान है
दो घडी की वो सांसे मिली जो कहीं
साथ तेरा समर्पण रहेगा सदा
हर ज्ञान से भी तु बढ़कर के है
तुझको जीना भी तेरा ही अभिमान है
हाथ जो हाथ में रख दिया था कभी
वो बचन तो निभाने हैं जीवन सदा
हर संज्ञान से भी तु बढ़कर के है
तुझको महफ़ूज रखना भी एक आस है
जो समर्पण किया था खुद को कभी
वो रहेगा जीवन अंत तर्पण सदा
पाना खोना तो जीवन का दर्शन रहा
तुझको अपने मै रखना ही एक सांस है
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