शामिल रहा
यूँ तो कब मैं तेरे सुख दुःख में शामिल रहा
करने लगा जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
छुपी हुई कुछ बातें कुछ यादों का इतिहास लगा
पास जो आया अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
यूँ तो कब मैं तेरे उन अपनों में शामिल रहा
करने लगा जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
बदमाशियां बातों की कुछ गहरा अपना साथ लगा
बाँट गया जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
यूँ तो कब मैं तेरी रातों में शामिल रहा
करने लगा जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
सपनो की कुछ बातें कुछ भुला बिसरा साथ लगा
कहता है जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
यूँ तो कब में तेरी राहों में शामिल रहा
करने लगा जो अब तु यही सोच के मन खुश रहने लगा
पाने को एक दुनिया खोने को कारवां रहा
चलने लगातु साथ मेरे यही सोच के मन खुश रहने लगा
Comments
Post a Comment