जिंदगी
जिंदगी के सफर में उम्मीद कोई भी तुझसा नहीं
खाली से राहों में भटका गुमनाम सफर कोई सही
काग भुषण्डि रहा है मन भी जमता कोई और नहीं
जा आईने देख ले कोई मेरा सा वजूद मिलेगा
जिंदगी के सफर में आस कोई भी तुझसा नहीं
कोरे पन्नों पर रच डाला इतिहास रहा है मनन कोई
गोबर मन भी रहा गणेश सा पूजा जाता और नहीं
जा पीपल से पूछ के आना मेरा सा वजूद मिलेगा
जिंदगी के सफर में विश्वास कोई भी तुझसा नहीं
रिक्त स्थानों पर लिख डाला शब्द तुझसा और नहीं
कर कफ़न मांग ले खुद से भी अपनों सा कोई और नहीं
जा गंगा से पूछ के आना तेरा सा बजूद मिलेगा।।।
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