तब भी

 जब लगेगा सब कुछ खो सा दिया जीवन  

तब भी एक तेरे मिलने की ख़ुशी होगी 

थक गया हूँ अब बहुत साबित करने में 

कुछ समय जिया हूँ अपने भी लिए 


जब लगेगा की अँधेरा है सब ओर

तब भी तेरी रौशनी राह दिखती रहेगी 

चल गया हूँ अब बहुत पाने की तलाश में 

कुछ समय खोना है अपने भी लिए 


जब लगेगा की आस नहीं है अब कुछ भी 

तब भी तेरे हर शब्द आस जगायेंगे 

सुन लिया हूँ बहुत कुछ सिखने की आड़ में 

कुछ समय भूलना है अपने भी लिए 


जब लगेगा की सफर आखिरी है सांसो को 

तब भी एक वो साँस सांसों में होगी 

जी लिया हूँ बहुत बढ़ने की कश्मकश में 

कुछ देर थक के बैठना है अपने भी लिए 


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