मुझे तेरी जरूरत है
तु दुनिया के थपेड़ों से
परस्पर जूझ आया है
एकाकी ही रहा बरसों
खुद को खूब संभाला है
यूँ ढलती ही रही शामें
वो हल्की सी कोई रेखा
छोटी सी मेरी दुनियां
मुझे तेरी जरूरत है
तु अपनों के लिए हरदम
बराबर पर डटा पाया
जीवन जीना कोई तेरा
खुद को ढाल आया है
यूँ कुछ पल की बची रातें
वो अधूरे से कोई सपने
आधी हे मेरी दुनियां
मुझे तेरी जरूरत है
तु ग़मों को झेल आया है
सहजता से निभा पाया
समर्पित वो जवानी है
इच्छाएं मार आया है
यूँ कुछ खोता रहा हर पल
एक बार खुद को पाना है
आधा है मेरा रिश्ता
मुझे तेरी जरूरत है
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