एक दीपक

 एक दीपक मेरे नाम का भी 

हो सके तो जला लेना तुम 

मन के घोर उन्मादों को 

आँचल से  ढांक लेना तुम 


बरसों से अधजला रहा है 

बाती पाती गुमनाम रहा है 

मन के ऊबड़खाबड़ मचानों को 

आँचल से पाट लेना तुम 


कुछ हुआ नहीं कुछ कहा नहीं 

माँगा जो वह मिला नहीं 

मन के अनसुलझे जज्बातों को 

आँचल से बांध  लेना तुम


एक दीपक मेरे नाम का भी 

हो सके तो जला लेना तुम 

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