तु मंजिल है

 मिलना जुलना तो यूँ नहीं होगा 

उम्रभर साथ यूँ जरूरी है 

मैं नदी हूँ एक बहती सी 

तु समुन्दर सा ठहरना तो जरा 


बात बातों में बात कब होगी 

तेरे कुछ अस्क तो जरूरी हैं

मैं आईना हूँ सूनेपन का 

तु कभी सज के निखरना तो सही  


तु चला आये यूँ समय तो नहीं होगा 

खुशबू का वो झौंका  तो जरूरी है

मैं तलाश हूँ अधूरे सफरों के 

तु मंजिल बनकर मिलना तो सही 

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