जीना है
एक मूरत मन बैठायी है
जो तन सन्दूरी रचाये रहे
उन तस्वीरों का भी भरोसा है
जो विश्वासों के गवाह रहे
जो तन सन्दूरी रचाये रहे
उन तस्वीरों का भी भरोसा है
जो विश्वासों के गवाह रहे
एक चमकता सा हिमालय है
जो आभा को सजाये रहे
उस समर्पण को निभाना है
जो खुद की एक पहचान रहे
एक छंद सजाती शाम है
जिसे हर पल एक इंतजार रहे
उन पल छिन पल में जीना है
जो तुझको मुझको संग रखे
उन पल छिन पल में जीना है
जो तुझको मुझको संग रखे
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