याद बहुत आते हो
जब शब्द कम हो जाएँ
और भावना दब जाये
तब याद बहुत आते हो
एकटक देखा जाये
और भावना दब जाये
तब याद बहुत आते हो
एकटक देखा जाये
नज़र झुकी जो उठी है
ह्रदय कुलाचें खाये
तब याद बहुत आते हो
जब खुशबू छूकर जाये
घर का कोना खाली
कदम रुके न जाएं
तब याद बहुत आते हो
जब रुक जाये परछाई
स्पर्श रहा सहमा सा
कोमलता पास न आये
तब याद बहुत आते हो
जब घोर अँधेरा छाये
रातों रात जगा है
मन खाली दर्पण है
तब याद बहुत आते हो
जब सूनापन लगता है
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