हस्ती मेरी
मुझे बोने होते हैं जब
मैं यादों के बीज बोता हूँ
रहे न रहे हस्ती मेरी
मैं पौध आस उगाता हूँ
मैं यादों के बीज बोता हूँ
रहे न रहे हस्ती मेरी
मैं पौध आस उगाता हूँ
मुझे रोना होता है जब
मैं खुद को भूल जाता हूँ
रहे न रहे बस्ती मेरी
मैं क्यारियां सजाता हूँ
मुझे पाना होता है जब
मैं तुझको याद करता हूँ
रहे न रहे तू संग मेरे
मैं सपने खूब सजाता हूँ
मुझे हसना होता है जब
मैं तेरे साथ रहता हूँ
रहे ने रहे सांसे सदा
मैं संग तेरे जी जाता हूँ
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